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- ByJaianndata.com
- Publish Date: 17-04-2021 / 9:17 PM
- Update Date: 17-04-2021 / 9:17 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद साधु-संतों ने हरिद्वार कुंभ को तय समय से 13 दिन पहले खत्म करने पर सहमति दे दी है। हालांकि कुंभ में प्रतीकात्मक तौर पर धार्मिक आयोजन होते रहेंगे। 13 अखाड़ों में सबसे बड़े जूना अखाड़े की तरफ से शनिवार शाम को कुंभ खत्म करने की घोषणा की गई। निरंजनी और आनंद अखाड़ा पहले ही अपनी ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने कुंभ में मौजूद 13 अखाड़ों में तेजी से फैले कोरोना वायरस संक्रमण के बाद कुंभ को समय से पहले समापन की अपील की जिसके बाद कुंभ के समापन को लेकर अखाड़ों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक के बाद महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि देश की जनता और उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। उन्होंने कहा कि जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है।
कुछ अखाड़े समय से पहले कुंभ मेला समाप्त करने की बात से नाराज थे। उनका कहना था कि मेला तय समय तक ही चलना चाहिए। इन साधु-संतों को मनाने के लिए उत्तराखंड सरकार पिछले 2 दिन से गुप्त बैठकें कर रही थी। दरअसल, केंद्र सरकार मेला जल्द से जल्द खत्म कराना चाहती है, लेकिन वह यह नहीं चाहती थी कि इसके लिए कोई सरकारी निर्देश जारी किया जाए। बल्कि, केंद्र साधु-संतों से खुद मेला खत्म होने की घोषणा कराना चाहती थी।
केंद्र ने इस बात के प्रबंधन का जिम्मा तीरथ सरकार को दिया था। सभी अखाड़ों के साथ गोपनीय सरकारी बातचीत चली। इन बैठकों का असर भी दिखा। दो दिन पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने अपनी ओर से मेला समाप्ति की घोषणा कर दी थी। अब जूना अखाड़े के कुंभ खत्म करने के ऐलान से सरकार ने राहत की सांस ली है।
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