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विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया के नेतृत्व में प्रतिनिधी मंडल ने श्री मुकुलजी पाटिल (संयुक्त आयुक्त (नोडल अधिकारी, कस्टम) सी.जी.एस.टी., नागपुर) को शिंपिंग बिलों के री-ट्रांसमिशन में हो रही देरी बाबत प्रतिवेदन दिया।
अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि जी.एस.टी. विभाग द्वारा निर्यातकों के शिंपिग बिल DGFT को री-ट्रांसमिशन करने के पश्चात् ही, निर्यातक जी.एस.टी. रिफंड हेतु क्लेम कर सकता है किंतु वर्तमान में जी.एस.टी. विभाग द्वारा निर्यातकों के शिंपिग बिल DGFT को री-ट्रांसमिशन होने में बहुत विलंब हो रहा है। जिसके कारण अधिकांश निर्यातको को शिंपिंग बिलों का रीफंड समय पर नहीं मिल पा रहा है।
चेंबर के सहसचिव श्री स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि शिपिंग बिलों के रीफंड मिलने हो रहे विलंब के कारण विदर्भ के निर्यात एवं सरकार के जी.एस.टी. कलेक्शन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
चेंबर की अप्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक सी.ए. रितेश मेहता ने उनसे निवेदन किया कि जी.एस.टी. विभाग ने DGFT के अधिकारियों से चर्चा करके शिंपिंग बिलों के री-ट्रांसमिशन में हो रही देरी के कारणों का पता लगाकर, जल्द से जल्द उनका निवारण करवाने की व्यवस्था करना चाहिये। जिससे निर्यातकों को बहुत समय से लंबित शिंपिंग बिलों के जी.एस.टी. का रिफंड जल्द से जल्द प्राप्त होगा एवं विदर्भ के निर्यात को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
श्री मुकुलजी पाटिल ने कहा कि वे क्ळथ्ज् के अधिकारियों से चर्चा कर शिंपिंग बिलों के री-ट्रांसमिशन में हो रही देरी के कारणों का पता लगाकर, जल्द से जल्द उनका निवारण करवाने की व्यवस्था करवायेंगे।
इस अवसर पर चेंबर के सर्वश्री – अध्यक्ष – अश्विन मेहाड़िया, सहसचिव – स्वप्निल अहिरकर, अप्रत्यक्ष कर उपसमिती के संयोजक – सी.ए. रितेश मेहता उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा उपाध्यक्ष श्री फारूकभाई अकबानी ने दी।
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