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देहरादून : केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को पेयजल कनेक्शन से जोड़ने की मुहिम की थर्ड पार्टी मानीटरिंग कराई जाएगी।
इसके साथ ही गांवों में जलापूर्ति के बनी योजनाओं और पेयजल कनेक्शनों के संबंध में पंचायती राज विभाग से भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा। मिशन के कार्यों में पारदर्शिता के मद्देनजर की जा रही इस कसरत से यह साफ हो पाएगा कि कार्य वास्तव में धरातल पर उतरे हैं अथवा नहीं।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन लांच किया। मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के 15.18 लाख घरों को पेयजल कनेक्शन से जोडऩे का लक्ष्य है।
पिछले डेढ़ साल में कोरोना संकट के कारण मिशन के तहत जलापूर्ति के लिए पेयजल योजनाएं बनाने और घरों को पानी के कनेक्शन देने की मुहिम में बाधा पड़ी। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 7.15 लाख घरों को पेयजल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 2.63 लाख घरों को कनेक्शन देने का लक्ष्य है। हालांकि अभी तक आधे घरों को भी पानी नहीं मिल पाया है ऐसे में इस वर्ष के लक्ष्य को पाना आसान नहीं है।
सचिव पेयजल नितेश झा के अनुसार अब मिशन के तहत चल रहे कार्यों की विभाग के साथ ही थर्ड पार्टी मानीटरिंग भी कराई जा रही है। इससे जहां जो भी कमियां, खामियां सामने आएंगी, उन्हें दूर कराने के साथ ही जवाबदेही तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मिशन के तहत बनी योजनाओं और घरों को मुहैया कराए गए जल संयोजन का पंचायतीराज विभाग से भी भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। इससे भी साफ हो सकेगा कि धरातल पर काम हुआ है अथवा नहीं।
थर्ड पार्टी मानीटरिंग
केंद्र पोषित योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों के लिए थर्ड पार्टी मानीटरिंग आवश्यक है। यानी, संबंधित विभाग स्वयं तो कार्यों की मानीटरिंग करेगा ही, किसी केंद्रीय संस्थान या फिर विभिन्न विभागों के तकनीकी विशेषज्ञों की समिति गठित कर उसके माध्यम से कार्यों का परीक्षण कराया जाता है।
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